पटना, बिहार।
रहमते मुस्तफा सोशल वेलफेयर ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष ने अपनी बहुचर्चित मुहिम "इक़रा" की शुरुआत करते हुए कहा कि शिक्षा पाना सभी का मूल अधिकार है और बेहतरीन शिक्षा देना हम सबकी ज़िम्मेदारी है। समाज के वैसे कमज़ोर और असहाय छात्र जो पैसे के अभाव में आगे की पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं उन सबके लिए "इक़रा" मुहिम की शुरुआत की गई। रहमते मुस्तफ़ा सोशल वेलफेयर ट्रस्ट के गठन 8 मार्च 2018 को बिहार में सैय्यद दानिश के नेत्तृत्व में किया गया। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोज़गार व जागरूकता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों के साथ 2018 से निरंतर निस्वार्थ प्रयास जारी है। सैय्यद दानिश ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमज़ोर और वंचित पृष्ठभूमि के बच्चों को शिक्षा, मेंटरशिप और संसाधन प्रदान करना है, ताकि वे अपनी प्रतिभा को निखार सकें और आत्मनिर्भर बन सकें।"इक़रा", जिसका अर्थ अरबी में "पढ़ो" है। शिक्षा के प्रति हज़रत मुहम्मद मुहम्मद के पहले संदेश से प्रेरित है। इस मुहिम के तहत, रहमते मुस्तफा सोशल वेलफेयर ट्रस्ट ने देश भर इस मुहिम को शुरू करने की योजना बनाई है। सैय्यद दानिश ने कहा, "शिक्षा हर बच्चे का मूलभूत अधिकार है। हमारा लक्ष्य उन बच्चों को सशक्त बनाना है जो सामाजिक और आर्थिक बाधाओं के कारण पीछे रह जाते हैं। 'इक़रा' मुहिम उनके सपनों को उड़ान देने का एक प्रयास है। रहमते मुस्तफ़ा सोशल वेलफेयर ट्रस्ट का मानना है कि "इक़रा" मुहिम न केवल बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल करेगी, बल्कि समाज में समानता और प्रगति को भी बढ़ावा देगी। वर्तमान में रहमते मुस्तफ़ा सोशल वेलफेयर ट्रस्ट राष्ट्रीय स्तर पर निशुल्क ज़रूरतमंद लोगों को रक्त उपलब्ध करवा रहा है। सैय्यद दानिश ने कहा कि हमारी संस्था किसी से चंदे नहीं लेती बल्कि हमारा मक़सद है लोगों की मदद करना चाहे वो किसी भी वर्ग या समुदाय से हो। उन्होंने कहा कि संसाधन न होने के बावुजूद बेहतरीन काम करने वाला योद्धा होता है। सैय्यद दानिश ने व्हाट्सएप्प नम्बर 9304891438 जारी करते हुए कहा कि एक सुंदर समाज बनाने के लिए हम सबको निस्वार्थ प्रयास करने की ज़रूरत है और उस प्रयास में आपका ईमानदारी से भरा साथ एक सुंदर समाज की स्थापना ज़रूर करेगा।
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