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निजी घरानों से मिलीभगत कर निजीकरण की प्रक्रिया को अंजाम देने में लगा है पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन।

*190 वें दिन बिजली कर्मियों का प्रान्तव्यापी विरोध प्रदर्शन रहा जारी।

*निजीकरण के नाम पर अभियन्ताओं को दण्डित किया गया तो इसकी तीखी प्रतिक्रिया होगी।

सेराज अहमद कुरैशी

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, गोरखपुर ने आरोप लगाया है कि पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन और चेयरमैन निजी घरानों के साथ मिलीभगत कर कौड़ियों के दाम 42 जनपदों का बिजली का निजीकरण करने में लगे हैं। संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि यदि निजीकरण के नाम पर अभियन्ताओं को अनावश्यक रूप से दण्डित किया गया तो इसकी तीखी प्रतिक्रिया होगी। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबन्ध निदेशक द्वारा प्रशासनिक आधार पर अभियन्ताओं का स्थानान्तरण किये जाने के सम्बन्ध में बिजली कर्मियों में गुस्सा फैल गया है। आज लगातार 190वें दिन बिजली कर्मियों का प्रान्तव्यापी विरोध प्रदर्शन जारी रहा। 

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, गोरखपुर के पदाधिकारियों इं. पुष्पेन्द्र सिंह, इं. जीवेश नन्दन , इं. जितेन्द्र कुमार गुप्त, सर्वश्री प्रभुनाथ प्रसाद, संगमलाल मौर्य, इस्माइल खान, संदीप श्रीवास्तव, विकास श्रीवास्तव, जगन्नाथ यादव, राकेश चौरसिया, राजकुमार सागर, विजय बहादुर सिंह, करुणेश त्रिपाठी, ओम गुप्ता, एवं सत्यव्रत पांडे, आदि तथा जे ई संगठन के पदाधिकारियों इं. शिवम चौधरी, इं. अमित यादव, इं. विजय सिंह, इं. प्रमोद यादव एवं इं. रणंजय पटेल ने आज यहां जारी बयान में आरोप लगाया है कि पॉवर कारपोरेशन शीर्ष प्रबन्धन और चेयरमैन की निजी घरानों के साथ मिलीभगत है। इसी दृष्टि से झूठा शपथ पत्र देने वाले ग्रांट थॉर्टन को निदेशक वित्त निधि नारंग से क्लीन चिट दिलाई गयी है। यह चर्चा है कि निदेशक वित्त निधि नारंग पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन और कारपोरेट घरानों के बीच मिलीभगत में सेतु का काम कर रहे हैं। एक बड़े कारपोरेट घरानें के प्रबन्ध निदेशक बयान दे चुके हैं कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण हेतु बनाया गया आरएफपी डॉक्यूमेंट उनसे चर्चा करके बनाया गया है और उनकी कम्पनी निजीकरण का टेण्डर डालने हेतु उत्साहित है। संघर्ष समिति ने कहा कि पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन ने बढ़ाकर घाटा दिखाने हेतु नियामक आयोग को सौंपे गये एआरआर को पुनरीक्षित किया है। संघर्ष समिति गोरखपुर के संरक्षक इस्माइल खान ने कहा कि योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में वर्ष 2017 में 41 प्रतिशत से घटकर वर्ष 2024 में एटी एण्ड सी हानियां 16.5 प्रतिशत रह गयी हैं। किन्तु 2025-26 के लिए पॉवर कारपोरेशन द्वारा दिये गये एआरआर में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम की 2024-25 में 18.49 प्रतिशत हानियों के सापेक्ष बढ़ाकर 36.08 प्रतिशत और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम में 2024-25 में 18.97 प्रतिशत के सापेक्ष बढ़ाकर वर्ष 2025-26 में 28.48 प्रतिशत हानियां दिखाई गयी हैं। सवाल यह है कि आरडीएसएस स्कीम में प्रणाली सुधार में हजारों करोड़ रूपये खर्च करने के बाद बढ़ी हुई हानियां किस आधार पर दिखाई गयी हैं। साफ है कि निजीघरानों को लाभ दिलाने हेतु बढ़ा-चढ़ा कर प्रबन्धन घाटा दिखाया जा रहा है जिसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। इसी प्रकार लाखों करोड़ रूपये की परिसम्पत्तियां निजी घरानों को कौड़ियों के मोल बेचने के लिए साजिश रची जा रही है। 42 जनपदों की सारी जमीन मात्र 1 रूपये की लीज पर निजीघरानों को देने की तैयरी है। संघर्ष समिति निजीकरण के पीछे हो रहे घोटालों का चरणबद्ध ढंग से खुलासा करेगी। 

संघर्ष समिति गोरखपुर के सहसंयोजक प्रभुनाथ प्रसाद ने कहा कि पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन ने कल यह धमकी दी है कि अनुशासनहीनता करने वाले अभियन्ताओं को नगरीय क्षेत्र से स्थानान्तरित किया जाये और 15 जून से पहले ऐसे अभियन्ताओं की सूची भेजी जाये जिन्हें प्रशासनिक आधार पर स्थानान्तरित किया जाना है।

  संघर्ष समिति गोरखपुर के कार्यवाहक संयोजक इं. जीवेश नंदन ने कहा कि निजीकरण के विरोध में विगत 06 माह से चल रहे आन्दोलन से बौखलाये हुए पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन उत्पीड़न पर उतर आये हैं। वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से वे लगातार अभियन्ताओं को डरा-धमका रहे हैं और धमकी दे रहे हैं। सवाल यह है कि निजीकरण के विरोध में शान्तिपूर्वक आन्दोलनरत बिजली कर्मी जो सर्वोच्च प्राथमिकता पर उपभोक्ता सेवाओं को अटेण्ड कर रहे हैं, किस अनुशासनहीनता के दोषी हैं जिसके लिए चेयरमैन उन्हें नगरीय क्षेत्र से बाहर स्थानान्तरित करने का आदेश दे रहे हैं। वाराणसी में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबन्ध निदेशक द्वारा इसी प्रकार 6 अभियन्ताओं को दण्डित करने की दृष्टि से स्थानान्तरित किया गया है। संघर्ष समिति ने चेतावनी दी कि यदि यह सभी स्थानान्तरण निरस्त न किये गये, अभियन्ताओं को दी गयी चार्जशीट वापस न ली गयी और किसी भी अभियन्ता को इस आधार पर दण्डित करने की कोशिश की गयी तो इसके विरोध में प्रान्तव्यापी आन्दोलन होगा जिसकी सारी जिम्मेदारी पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन की होगी। 

आज लगातार 190वें दिन बिजली कर्मियों ने प्रान्तव्यापी विरोध प्रदर्शन जारी रखा।

Jr. Seraj Ahmad Quraishi
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