चयनित भूमि के स्वामित्व की जांच संबंधित उपजिलाधिकारी से कराने का दिया निर्देश।
महराजगंज, उत्तर प्रदेश
जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा द्वारा कलेक्ट्रेट सभागार में निकायों द्वारा वंदन योजना एवं वैश्विक नगरोदय योजना के अंतर्गत तैयार प्रस्तावों की समीक्षा की गई।
जिलाधिकारी ने प्रस्तावों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि अधिशासी अधिकारी प्रस्ताव तैयार करते समय उन्हीं प्रस्तावों को वरीयता दें जो व्यवहारिक, दीर्घकालिक व राजस्व सृजक हों। साथ ही परियोजना के निर्माण के उपरांत निकाय द्वारा उसे संचालित करना संभव हो। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रस्ताव से संबंधित भूमि के अभिलेखों की जांच संबंधित एसडीएम स्वयं अथवा तहसीलदार के माध्यम से सुनिश्चित करें। भूमि का स्वामित्व निकाय अथवा शासनादेश के प्रावधानों के तहत होने पर ही प्रस्ताव को आगे बढ़ाएं। जिलाधिकारी ने कहा कि वंदन योजना और वैश्विक नगरोदय के तहत तैयार प्रस्तावों में सीसी का कार्य 10 प्रतिशत से अधिक न हो। जिलाधिकारी ने कहा कि नगरोदय योजना में पथ विक्रेताओं के का समावेशन करने हेतु वेंडिंग जोन आदि को सम्मिलित करें। जिलाधिकारी ने पीपीपी मोड पर अर्बन प्लाजा, मोबाइल वेंडिंग जोन जैसे कुछ प्रस्ताव तैयार करने का भी सुझाव दिया, जिससे निकायों को आय के साधन मिल सकें। उन्होंने प्रस्तावों की उपयोगिता का सत्यापन संबंधित उपजिलाधिकारियों से कराने का निर्देश दिया।
जिलाधिकारी ने कहा कि अधिशासी अधिकारी प्रयास करें कि निकायों को आत्मनिर्भर बनाया जाए। इसके लिए प्रस्ताव तैयार करते समय राजस्व सृजन को भी दृष्टिगत रखें। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रस्ताव न तैयार करें जिनकी न तो लोगों के लिए उपयोगिता हो और न ही निकाय के आय में कोई वृद्धि हो। मंदिरों के सुंदरीकरण/उच्चीकरण में श्रद्धालुओं की सुविधाओं में वृद्धि करने वाले बिंदुओं को जरूर शामिल करें। सोलर प्रकाश व्यवस्था, मल्टीपर्पज हाल आदि को वंदन योजना में सम्मिलित करें।
वंदन योजना हेतु सिसवा, सदर, नौतनवा, पनियरा और फरेंदा नगर निकाय के कुल 07 प्रस्ताव चयनित हुए हैं। इनमें से शासन स्तर से 02 प्रस्तावों का चयन किया जाना प्रस्तावित है।
बैठक में अपर जिलाधिकारी (वि/रा) डॉ प्रशांत कुमार, एसडीएम सदर रमेश कुमार, एएसडीएम विजय यादव, डीईएसटीओ शीश कुमार, ईओ नगर पालिका महराजगंज आलोक कुमार सहित सभी ईओ उपस्थित रहे।
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