रक्षा बंधन पर गोपाल राय को 51 बहनों ने बांधी राखी,उनके सनातन संघर्षों का किया सम्मान।
ब्यूरो चीफ़ फुरकान कुरैशी एडवोकेट
लखनऊ, उत्तर प्रदेश।
रक्षा बंधन के पावन अवसर पर विश्व हिंदू रक्षा परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल राय को देशभर से आई 51 हिंदू बहनों ने राखी बांधकर सम्मानित किया। यह आयोजन मात्र एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि उन बहनों की सामूहिक कृतज्ञता और विश्वास का प्रतीक बना, जिन्होंने गोपाल राय को नारी सुरक्षा, धर्म रक्षण और सांस्कृतिक चेतना के सशक्त प्रहरी के रूप में स्वीकार किया है। बहनों ने यह स्पष्ट रूप से कहा कि यह राखी केवल एक धागा नहीं, बल्कि एक संकल्प है — उन हाथों की रक्षा का, जिन्होंने नारी सम्मान की पुनर्स्थापना के लिए अथक संघर्ष किया है। यह दृश्य भावनात्मक भी था और लोगों के बीच गोपाल राय के कार्यों के प्रति बढ़ते सम्मान को दर्शाता था, जहां उन्हें एक सामाजिक और धार्मिक नेतृत्वकर्ता के रूप में देखा गया।
इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने गोपाल राय के उन कार्यों की सराहना की, जिनकी गूंज अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुनाई देने लगी है। उन्होंने लव जिहाद से पीड़ित सैकड़ों हिंदू बहनों की घर वापसी करवाई और उन्हें सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अवसर दिया। छांगुर जैसे जिहादी तत्वों के चंगुल से सैकड़ों हिंदू परिवारों को मुक्त कराकर उन्होंने उन्हें भयमुक्त जीवन की ओर अग्रसर किया। देशद्रोही छांगुर को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाने में उनकी अहम भूमिका रही। धमकियों और दबावों के बावजूद उन्होंने कभी झुकने का नाम नहीं लिया और पूरी मजबूती के साथ सनातन धर्म की रक्षा में डटे रहे।
गोपाल राय ने ‘सनातन हेल्पलाइन सेवा’ की शुरुआत कर संकट में फंसे सनातनियों को तत्काल सहायता उपलब्ध करवाई। उन्होंने धर्मांतरण के विरुद्ध खुला मोर्चा लेते हुए हजारों लोगों को पुनः सनातन धर्म की ओर लौटाया। युवाओं को जागरूक कर उन्हें संगठित किया और उनके भीतर अपने धर्म, संस्कृति और अस्तित्व के प्रति चेतना जागृत की। लखनऊ से मुर्शिदाबाद तक निकाली गई ‘सनातन आक्रोश यात्रा’ के माध्यम से उन्होंने यह संदेश दिया कि अब अन्याय के विरुद्ध हर सनातनी एकजुट होकर खड़ा होगा।
© Copyright All rights reserved by India Khabar 2025