शहाबुद्दीन अहमद
बेतिया, बिहार।
गोवर्धन पूजा बड़ी धूमधाम से मनाई गई।श्रीकृष्ण के गिरधारी स्वरूप का पूजन हुआ,जिसमें 56 भोग लगाया गया।गोवर्धन पूजा,दीपावली के बाद मनाया जाने वाला महत्वपूर्ण पर्व है,जिससे जुड़े पौराणिक कथाओंऔर ग्रामीण परंपराओं में गहराई से जुड़ी हुई है।यह पूजा श्रीकृष्ण द्वारा इंद्र की वैदिक पूजा के विरोध में स्थापित की गई थी, जिसमें प्रकृति,पशुधन और गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है।दिवाली के 1 दिन के बाद के आज परवा यानी प्रथम तिथि को गोवर्धन पूजा मनाई जा रही है।5 दिन की पूर्व परंपरा में यह ऐसा पहला त्यौहार है,जिसका वैदिक आधार तो स्पष्ट नहीं है, लेकिन इनकी मान्यताएं सीधे पौराणिक कथाओं से निकलकर सामनेआई हैं। गोवर्धन पूजा का जिक्र सभी श्रीमभागवत पुराण, महाभारत,और हरिवंश पुराण में मिलता है।
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