तकिया कवलदह में जलसा-ए-गौसुलवरा का आयोजन।
सैय्यद फरहान अहमद
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
तकिया कवलदह रसूलपुर में जलसा-ए-गौसुलवरा का आयोजन हुआ। कुरआन-ए-पाक की तिलावत हाफिज आरिफ रजा ने की। नात व मनकबत मुहम्मद सुहैल निजामी व कैसर रजा ने पेश की। अध्यक्षता हाफिज रजी अहमद बरकाती ने और संचालन हाफिज आफताब आलम व मौलाना इसहाक ने किया।
विशिष्ट वक्ता कारी मुहम्मद अनस नक्शबंदी ने कहा कि शैख अब्दुल कादिर जिलानी अलैहिर्रहमा का पैगाम मुख्य रूप से अल्लाह के प्रति निष्ठा, सत्य और ईमानदारी पर आधारित है, साथ ही माता-पिता के प्रति कर्तव्य और इस्लाम की शिक्षाओं को भी बढ़ावा देता है। उन्होंने मुसलमानों को ईमानदारी से जीवन जीने और अल्लाह के प्रति समर्पित रहने के लिए प्रेरित किया। इंसान को अल्लाह के प्रति सच्ची आस्था रखनी चाहिए। दिल अल्लाह के प्रति समर्पित होना चाहिए। हमेशा सच बोलना चाहिए। पाखंड से दूर रहना चाहिए। माता-पिता के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।
मुख्य वक्ता मौलाना जहांगीर अहमद अजीजी ने कहा कि शैख अब्दुल कादिर जिलानी ने इस्लामी सिद्धांतों और सूफीवाद के रहस्यमय अनुभवों पर अपनी शिक्षाओं को केंद्रित किया। वह अपने समय में गरीबों और जरूरतमंदों के मददगार के रूप में जाने जाते थे। उनका जीवन और शिक्षाएं मुसलमानों के लिए एक प्रेरणा और मार्गदर्शन का स्रोत रही हैं। अंत में दरूदो सलाम पढ़कर मुल्क में अमन, भाईचारा, तरक्की की दुआ मांगी गई। जलसे में चुन्नू कुरैशी, आसिफ, इरशाद, अरजान खान सहित बड़ी संख्या में अकीदतमंद शामिल हुए। लंगर भी खिलाया गया।
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