?️ बक़लम: अब्दुल नईम कुरैशी
लखनऊ उत्तर प्रदेश।
रक्षाबंधन केवल एक धागा नहीं, बल्कि भाई-बहन के रिश्ते में विश्वास, स्नेह और सुरक्षा का प्रतीक है। इस दिन बहनें भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र व खुशहाली की दुआ करती हैं। भाई, बदले में, बहन की हर परिस्थिति में रक्षा का वचन देते हैं।
? #पौराणिक कथाओं से जुड़ा
महाभारत की कथा के अनुसार, जब श्रीकृष्ण की उंगली कट गई, तो द्रौपदी ने अपनी साड़ी का पल्लू फाड़कर उनकी उंगली पर बांध दिया। कृष्ण ने इसे भाई-बहन का बंधन मानकर उसकी रक्षा का वचन दिया।
एक अन्य कथा में, देव-असुर युद्ध के समय इंद्राणी ने इंद्र की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधा, जिससे उन्हें विजय प्राप्त हुई।
? #इतिहास में भी उदाहरण
मेवाड़ की रानी कर्णावती ने मुगल बादशाह हुमायूँ को राखी भेजकर अपने राज्य की रक्षा का अनुरोध किया। हुमायूँ ने राखी की लाज रखते हुए उनकी सहायता की।
? #सामाजिक एकता का संदेश
रक्षाबंधन धर्म और जाति से परे, रिश्तों में अपनापन और एकजुटता का संदेश देता है। आज यह त्योहार सिर्फ भाई-बहन तक सीमित नहीं, बल्कि बहनें अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और गुरुओं को भी राखी बांधती हैं।
? #बदलते_दौर में भी अटूट बंधन
समय बदल गया है, लेकिन रक्षाबंधन की भावना आज भी उतनी ही गहरी है। यह धागा न सिर्फ रिश्तों को जोड़ता है, बल्कि समाज में प्रेम और विश्वास की डोर को भी मजबूत करता है।
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