शहाबुद्दीन अहमद
बेतिया, बिहार।
विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भीअंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस केअवसर पर विभिन्न संदेशों के साथ विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम,सरकारी स्तर से लेकर सरकारी शिक्षण संस्थानों के अलावा निजी विद्यालयों में भी कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
आज का दिनअंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पूरे विश्व में मनाया जाता है,इसका उद्देश्य व्यक्तिगत,सामुदायिक, सामाजिक रूप से लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करना है,इस दिवस पर पूरी दुनिया के लोग समाज से निरीक्षाक्त उन्मूलन केअपने संकल्प को दोहराते हैं।अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस केअवसर पर पूरे राज्य में विगत वर्षों से निरीक्षर महिलाओं एवं पुरुषों को साक्षर बनाने के लिए ठोस प्रयास किया जा रहे हैं। वर्तमान में राज्य की वंचित वर्ग केशैक्षणिक उत्थान,महिला सशक्तिकरण हेतु महादलित, दलित,अल्पसंख्यक,अति पिछड़ा वर्ग के लिए अक्षर आंचल योजना राज सरकार द्वारा संचालित है।राज्य संपोषित इस विशेष योजना के संचालन से समाज के कमजोर वर्गों में शैक्षणिक प्रगति हुई है। इस पुनीत कार्य में समाज के सभी वर्गों की भागीदारी अपेक्षित है।
इसी क्रम में, इस जिला की वर्तमान साक्षरता दर 64.53 है,इसमें पुरुष साक्षरता 62.03 और महिला साक्षरता का स्तर52.73 % है। इस तरह देखा जाए तो 12 वर्षों के अंतर्गत जिले के साक्षरता दर में 8.83% का विकास दर्ज हुआ है। इस संबंध में जिला साक्षरता कार्यालय के द्वारा 680 उत्थान केंद्र और 328 तालीमी मरकज संचालित हो रहे हैं,इनके माध्यम से 24 हजार 460 लर्नर साक्षर बनाए गए हैं,जिसमें से 19 हजार 763 साक्षरता अभियान की महापरीक्षा उत्तीर्ण कर ली है। महिलाओं में साक्षरता दर बढ़ाने से गरीबी उन्मूलन, जनसंख्या नियंत्रित करने, बाल मृत्यु दर को कम करने, शिक्षा के प्रति अलख जगाने, साक्षर बनाकर महिलाओं को सरकार के विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित कराने में मदद मिलती है।अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर जिला के यह आंकड़ा बहुत ही संतोषप्रद है।
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