गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज को इधर से उधर अस्पतालों में दौड़ाया जाता है ।
अबू शहमा अंसारी
लखनऊ, उत्तर प्रदेश।
10 व 11 जनवरी की रात्रि में सांस व फेफड़ों की बीमारी से पीड़ित मेरी माता जी की अचानक तबीयत खराब हो गई थी 112 नंबर पर फोन करके एंबुलेंस को बुलाया गया और उस एंबुलेंस से रात्रि में लगभग 2:00 बजे मेडिकल कॉलेज ट्रामा सेंटर ले गए, ट्रामा सेंटर पहुंचने पर वहां पर मौजूद डॉक्टर ने कहां की मेरे पास बेड खाली नहीं है इन्हें बलरामपुर या सिविल लेकर जाओ, फिर वही पर्चा बनवाया और उन्होंने उस पर्चे पर रेफर कर दिया, बलरामपुर अस्पताल पहुंचने पर वहां के डॉक्टर ने बताया कि यहां पर वेंटिलेटर मशीन नहीं है, फिर उसी एंबुलेंस से बलरामपुर अस्पताल से हजरतगंज में स्थित सिविल अस्पताल को ले गए, सिविल अस्पताल पहुंचने पर वहां के डॉक्टरों ने कहा है यहां मेरे यहां भी वेंटिलेशन मशीन नहीं है, फिर सिविल अस्पताल से अपने माता जी को एरा हॉस्पिटल लेकर के गये जहां पर माता जी को भर्ती किया और इलाज शुरू हो गया ।
उत्तर प्रदेश सरकार से मांग है कि ट्रामा सेंटर में बेड की अधिक व्यवस्था की जाए जिससे कि कोई भी मरीज ट्रामा सेंटर से वापस न जाए और समुचित इलाज मिल सके । बलरामपुर अस्पताल एवं हजरतगंज के सिविल अस्पताल में समुचित मात्रा में वेंटिलेशन मशीन की व्यवस्था की जाए । जिससे कि मरीज किसी भी अस्पताल में पहुंचे तो उसे वेंटीलेशन मशीन व अन्य सुविधाएं मिल जाए और वह भर्ती होकर वहां पर अपना इलाज करा सके।
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