शहाबुद्दीन अहमद
बेतिया, बिहार।
नगरीय क्षेत्र में अवस्थित अनेकों प्रकार के अल्ट्रासाउंड सेंटर पर, स्वास्थ्य विभाग के टीम के द्वारा विधिवत छापेमारी कर निरीक्षण किया गया इसमें कैसे कई ऐसे तथ्य सामने आए हैं,जो सिविल सर्जन कार्यालय बेतिया का पोल खोल रहे हैं,इतना ही नहीं,जांच पदाधिकारी का भी कार्यकालाप,कार्य करने की शैली,जांच करने का तरीका, जांच नहीं करने जाने का कारण का खुलासा हो गया है।
स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा किए गए जांच में कई अल्ट्रासाउंड सेंटर के लाइसेंस भी एक्सपायर हो गए थे,फिर भीअल्ट्रासाउंड सेंटर चल रहे थे,यह सब करिश्मा जिले के स्वास्थ्य विभाग के सभी स्तर के पदाधिकारीयों का है।
संवाददाता को विभिन्न स्रोतों से पता चला है कि यह सभी अल्ट्रासाउंड सेंटर वालों के संचालक,व्यवस्थापक अपने संबंधित जांच पदाधिकारियों को मोटी रकम प्रतिमाह दे रहे थे,तभी यह सब पदाधिकारी मुकदर्शक बने हुए थे,साथ ही
सभीअल्ट्रासाउंड सेंटर चलाने वालों के संचालक,कार्यकर्ता, व्यवस्थापक चांदी काट रहे हैं, और रोगियों काआर्थिक दोहन कर रहे हैं।बेतिया शहरी क्षेत्र में जितने भीअल्ट्रासाउंड सेंटर के संचालक,व्यवस्थापक इस बात को अच्छी तरह जानते हैं कि जिला की कोई भी जांच पदाधिकारी या पदाधिकारी मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते है,क्योंकि हम लोग प्रतिमाह उनको भारीभरकम दक्षिणा देते हैं, यही कारण है के बिटिया नगरीय क्षेत्र एवं ग्रामीण क्षेत्रों में भी इस तरह केअल्ट्रासाउंड सेंटर,नर्सिंग होम, एक्सरी सेंटर,जांच घर, खुल्लम खुल्लाअपना व्यवसाय चला रहे हैं,इनको किसी तरह का लाइसेंस की आवश्यकता नहीं है, रोगी और उसके परिजन से जितना आर्थिक दोहन कर लें,सब सही है।
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