सैय्यद फरहान अहमद
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
इस्लाम धर्म के मुबारक महीनों में से एक रजब का महीना चल रहा है। इस महीने की 27वीं रात को शब-ए-मेराज कहा जाता है। जो इस बार शनिवार 18 फरवरी को पड़ रही है। इस मौके पर जामा मस्जिद रसूलपुर, सुन्नी बहादुरिया जामा मस्जिद रहमतनगर, जटेपुर, मस्जिद खादिम हुसैन तिवारीपुर सहित शहर की कई मस्जिदों में रात 8:30 बजे से शब-ए-मेराज की महफिल सजेगी। सलातुल तस्बीह व अन्य नफिल नमाज़ अदा की जाएगी। क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत घरों व मस्जिदों में होगी। रातभर अल्लाह व रसूल का जिक्र होगा। दरूदो-सलाम का नज़राना पेश किया जाएगा। दुआ ख़्वानी होगी।
सुब्हानिया जामा मस्जिद तकिया कवलदह के इमाम मौलाना जहांगीर अहमद अज़ीज़ी ने बताया कि शब-ए-मेराज को पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की अल्लाह से मुलाकात की रात भी कहते हैं। शब-ए-मेराज का इस्लाम धर्म में बहुत महत्व है। इस रात इबादत करने पर बहुत सवाब मिलता है। इसी रात में पांच वक्त की फर्ज नमाज तोहफे में मिली थी। इस रात मुसलमान नफिल नमाज़ अदा करते हैं। क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत करते हैं। बहुत सारे मुसलमान रजब की 26 व 27 तारीख़ का रोजा भी रखते हैं।
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