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शरीअत के खिलाफ़ कोई काम न करें - मौलाना जहांगीर

हज़रत इमदाद शाह का उर्स-ए-पाक।

सैय्यद फरहान अहमद

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।

तुर्कमानपुर स्थित दरगाह पर हज़रत इमदाद अली शाह रहमतुल्लाह अलैह का दो दिवसीय उर्स-ए-पाक जलसा-ए-ईद मिलादुन्नबी के साथ शुरु हुआ। क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत की गई। नात व मनकबत पेश हुई। अकीदतमंदों में लंगर बांटा गया।

मुख्य अतिथि मौलाना जहांगीर अहमद अज़ीज़ी ने कहा कि शरीअत के खिलाफ कोई काम न करें। हर बुराई, बेशर्मी, अपशब्द, चोरी, झूठ और गीबत से बचें। अपने बच्चों को दीनी व दुनियावी तालीम जरूर दिलाएं। कुरआन-ए-पाक का हक यह है कि उसकी तिलावत की जाए, उसको समझा जाए, उस पर अमल किया जाए, उसके पैग़ाम को तमाम इंसानियत तक पहुंचाया जाए।

अध्यक्षता करते हुए मुफ्ती अख्तर हुसैन ने कहा कि औलिया किराम ने पूरी ज़िंदगी कुरआन व हदीस की तालीमात पर गुजार कर अपनी दुनिया व आखिरत दोनों कामयाब बना ली। हमें भी उनके नक्शेकदम पर चलना होगा। दरगाहों को हर तरह की बुराई से पाक करें। दोनों आलम की कामयाबी हासिल करनी है तो कुरआन और हदीस की तालीमात पर पूरी तरह अमल करें। आखिरत की तैयारी करें। नमाजों को उनके वक्तों पर पाबंदी के साथ अदा करें। 

विशिष्ट अतिथि कारी मो. अनस रज़वी ने कहा कि पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने अमन, शांति, मोहब्बत और इत्तेहाद का पैगाम दिया है। मुसलमान बुरे कामों से बचें। नमाज, रोजा, हज और जकात अदा करें। मुसलमानों को चाहिए कि पैग़ंबरे इस्लाम की तालीम पर पूरी तरह से अमल करें। मजार का तवाफ व सजदा करना हराम है। मजार पर चादर चढ़ाने के बजाए उस पैसे से गरीबों की मदद करें। दरगाहों को हर खुराफात से पाक रखें।

अंत में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क में अमनो अमान की दुआ मांगी गई। मंगलवार को मजार शरीफ की चादरपोशी होगी। कुल शरीफ की रस्म अदा की जाएगी। उर्स में मो. इस्लाम उर्फ बाबूल, अबरार अहमद, मास्टर अरशद हुसैन, मनोव्वर अहमद, जलालुद्दीन कादरी, हाफिज रहमत अली निजामी, मो. आरिफ रजा ज्याई, कैसर रज़ा, हाफिज सैफ, अशरफ आदि मौजूद रहे।

Jr. Seraj Ahmad Quraishi
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