ब्यूरो चीफ़ हफ़ीज अहमद खान
कानपुर नगर, उत्तर प्रदेश।
कानपुर, खानकाहे हुसैनी के ज़ेरे एहतिमाम पैगम्बर ए इस्लाम के नवासे, मौला अली के शाहबज़ादे, शहीद ए आज़म हज़रत इमाम हुसैन की यौम ए विलादत पर जशन ए इमाम हुसैन परम्परागत ढंग से सदभाव भाईचारे शान ओ शौकत अकीदत के साथ खानकाहे हुसैनी हज़रत ख्वाजा सैय्यद दाता हसन सालार शाह की दरगाह कर्नलगंज ऊँची सड़क पर मनाया गया।
जशन ए इमाम हुसैन की शुरुआत हाफिज मोहम्मद कफील हुसैन ने तिलावते कुरान पाक से की। शोरा ए कराम ने नात मनकबत पेश की जिसमे दुनिया हुसैन की है ज़माना हुसैन का, है आरज़ू वहा भी मिले दर हुसैन का।
उलेमाओं ने इमाम हुसैन की जिन्दगी और उनके बताये हुये रास्ते पर चलने व नमाज़ की पाबंदी पर जोर दिया इस्लाम मे पानी की एहमियत बया की व सभी से पानी को ज़रुरत के मुताबिक ही खर्च करने की हिदायत देते हुये बेवज़ह पानी बहाना को बहुत बड़ा गुनाह बताया, बुराईयो को दूर करने का हल अल्लाह का घर चलो नमाज़ पढ़े। इमाम हुसैन हक़ और सच के लिये शहीद हुये जो पूरी दुनिया के लिए हमेशा मिसाल बनी रहेगी। उलेमाओं ने इमाम हुसैन जिन्दाबाद के नारे बुलंद किये विलादते ईमाम हुसैन पर खुशिया और जशन मनाने का दिन है खिताब के बाद दरुदो सलाम का नज़राना पेशकर नज़र इमाम हुसैन होने के बाद दरगाह की गुलपोशी इत्र केवड़ा संदल लगाकर किया और दुआ हुई।
दुआ मे खादिम खानकाहे हुसैनी ने अल्लाह की बारगाह मे मदीने वाले आक़ा इमाम हुसैन के सदके मे हम सबको हज़रत इमाम हुसैन के बताये रास्तो पर चलने, नमाज़ की पाबंदी करने, दुनिया व मुल्क मे कुदरत के कहर से बचाने, हमारे मुल्क मे अमनो अमान कायम कर उसे तरक्की देने की दुआ की। दुआ के बाद खानकाहे हुसैनी के बाहर राहगिरो को मिष्ठान का वितरण किया गया।
जशन मे अफज़ाल अहमद, मुनीर खाँ कादरी, हाफिज़ मोहम्मद कफील हुसैन, सैय्यद मोहम्मद फरहान, इस्लाम खान चिश्ती, इरफान अशरफी, हाफिज़ हसीब अहमद, फाजिल चिश्ती, एजाज़ रशीद, इरफान बरकाती, मोहम्मद अनवार खाँ, सैय्यद मोहम्मद तलहा, मोहम्मद फैज़ान खान, मोहम्मद रज़ा कादरी, मोहम्मद मुबीन खाँ, मोहम्मद अदनान खाँ, मोहम्मद युनुस खान, तौफीक रेनू, आज़म महमूद आदि मुख्य थे।
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